पूछते हो ना मुझे तुम हमेशा कि.. मैं कितना प्यार करती हूं तुम्हें, इन बुंदो को तुम गिन लो बरसती हुई..!!
ये इश्क़ का मौसम अजीब है जनाब, इस बारिश में कई रिश्ते धुल जाते है.. बेगानों से करते है मोहब्बत कुछ लोग, और अपनों के ही आंसू भूल जाते है..!!
मत पूछो कितनी मोहब्बत है मुझे उनसे, बारिश की बूंद भी अगर उन्हें छू जाती है, तो दिल में आग लग जाती है।
सुन ए बारिश,ज़रा थम के बरस.. जब वो आ जाये तो जम के बरस, पहले न बरस की वो आ ना सके.. फिर इतना बरस की वो जा ना सके..!!
बारिश का यह मौसम कुछ याद दिलाता है.. किसी के साथ होने का एहसास दिलाता है, फिजा भी सर्द है यादें भी ताज़ा है.. यह मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता है..!!
ए बारिश तू इतना ना बरस.. की वो आ ना सके, और उसके आने के बाद.. इतना बरस की वो जा ना सके..!!