ये इश्क़ का मौसम अजीब है जनाब, इस बारिश में कई रिश्ते धुल जाते है.. बेगानों से करते है मोहब्बत कुछ लोग, और अपनों के ही आंसू भूल जाते है..!!
मत पूछो कितनी मोहब्बत है मुझे उनसे, बारिश की बूंद भी अगर उन्हें छू जाती है, तो दिल में आग लग जाती है।
सुन ए बारिश,ज़रा थम के बरस.. जब वो आ जाये तो जम के बरस, पहले न बरस की वो आ ना सके.. फिर इतना बरस की वो जा ना सके..!!
बारिश का यह मौसम कुछ याद दिलाता है.. किसी के साथ होने का एहसास दिलाता है, फिजा भी सर्द है यादें भी ताज़ा है.. यह मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता है..!!
ए बारिश तू इतना ना बरस.. की वो आ ना सके, और उसके आने के बाद.. इतना बरस की वो जा ना सके..!!
दीये तो आँधी में भी जला करते हैं.. गुलाब तो काँटो में भी खिला करते हैं, खुशनसीब बहुत होती है वो शाम.. जिसमें दोस्त आप जैसे मिला करते हैं..!!
गुजर गया वो वक्त .. जब तेरी हसरत थी मुझको, अब तू खुदा भी बन जाए . तो तेरा सजदा न करू ..!!
जब मिलो किसी से.. तो जरा दूर का रिश्ता रखना, बहुत तड़पाते हैं अक्सर.. सीने से लगाने वाले..!!
दिखावा करते है पर इसके पीछे उनका स्वार्थ होता है.. अक्सर हमें मतलबी लोगों पर ही विश्वास होता है, कभी किसी और से उम्मीद रखना नहीं.. क्योंकि खुद पर भरोसा रखने वालों का, ही सुनहरा इतिहास होता है..!!
खोकर पाने का मजा ही कुछ और है .. रोकर मुस्कुराने का मजा ही कुछ और है , हार तो जिंदगी का हिस्सा है मेरे दोस्त .. हार के बाद जीतने का मजा ही कुछ और है..!!
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